महिलाओं को अपनी आवाज समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों तक पहुंचाने का प्लेटफॉर्म मुहैया कराया है।
लखनऊ,समाचार10 Indian। सामाजिक संस्था “अदब कल्चर एंड वेलफेयर सोसायटी” के तत्वाधान से बुधवार को उर्दू अकादमी के ऑडोटोरियम में एक शाम पदम श्री अनवर जलालपुरी के नाम से “ऑल इंडिया खवातीन” मुशायरा का आयोजन किया गया। मुशायरा का आगाज पूर्व अध्यक्ष, (ए एम यू ओल्ड बॉयज एसोसिएशन, लखनऊ) तारिक सिद्दीकी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मुशायरा की सदारत प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता ताहिरा हसन अलीग ने किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए इस तरह के प्रोग्राम बहुत जरूरी हैं। यह अपने आप में अनोखा और नायाब मुशायरा है जिसमें सभी महिलाएं हैं।
मुशायरा के मुख्य अतिथि स्वामी मुरारीदास जी ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में समाज को मजबूत बनाने के लिए आपस में भाईचारा को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। धर्म जाति के नाम पर समाज में जो भेदभाव पैदा किया जा रहा है उसे हम सबको मिलकर खत्म करना पड़ेगा, तभी हमारा समाज और देश विकास के पथ पर अग्रसर हो सकता है। हम अदम की औलाद हैं, इसलिए भेदभाव नहीं करना चाहिए, इसी में सबकी भलाई है।
स्वामी मुरारी दास ने कहा कि समाज में नफरत के बीज रोपे जा रहे हैं इससे पहले की समय हमारे हाथों से निकल जाए सबको मिलकर खुशहाल समाज बनाना होगा। सैकड़ों वर्षों से भारत में हिंदू मुसलमान एक साथ रहते आ रहे हैं, हमें इस साझी विरासत को आगे बढ़ाना होगा। आपस की कटुता को भुलाकर आगे बढ़ना होगा, इसके लिए जरूरी है कि समाज का हर वर्ग शिक्षित हो। स्वामी मुरारी दास जी ने ऑल इंडिया खवातीन मुशायरा का दिल खोलकर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मुशायरा के कनवीनर सईद हाशमी ने महिलाओं को अपनी आवाज समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों तक पहुंचाने का प्लेटफॉर्म मुहैया कराया है। इस तरह के प्रोग्राम समय समय पर होना चाहिए ताकि महिलाओं में भी उर्दू भाषा और कौमी एकता की भावना पैदा हो।
खुशबू शर्मा नोएडा
सोने और चांदी के गहने भी नहीं देखती मैं,
इस कदर कीमती कपड़े भी नहीं देखती मैं।
अपने मां-बाप की आंखों से उड़ा दूं नींदे,
इतने उलझे हुए सपने नहीं देखती मैं।।
डॉक्टर सुमन दुबे
कितने गम लग गए सिरहाने से,
अब तो डरती हूं मुस्कुराने से।
वह न बदले हैं और ना बदलेंगे,
जानती हूं उन्हें जमाने से।।
सबा बलरामपुरी
जबसे इन आंखों में अक्स तुम्हारा है,
रूह तुम्हारी है नाम हमारा है।
जहर किसी को भी बोने नहीं दूंगी,
मेरा वतन मुझको जान से प्यारा है।।
गुले सबा फतेहपुरी
अजीब दर्द है दिल से जुदा नहीं होता,
बहोत इलाज किया फाईदा नहीं होता।
वो चाहे छू ले सितारे भी हाथ से लेकिन,
कभी भी बाप से बेटा बड़ा नहीं होता।।
रुबीना अयाज
अपना मोहसिन सबको बनाना ठीक नहीं,
राज ए दिल यूं सबको बताना ठीक नहीं।
फलक सुलतानपुरी
मुझसे सुलूक करना है अनजान की तरह,
जो मेरे दिल में है किसी मेहमान की तरह।
दिल तो खुदा का घर है इसे घर ही रहने दें,
दिल को सजाएं मत किसी दुकान की तरह।।
रुखसार बलरामपुरी
गर तुझे खुल्द का जायका चाहिए,
कह रहा है खुदा मां की इज्जत करो।
मुशायरा का संचालन खुशबू शर्मा ने शानदार तरीके से अदा किया। इस मौके पर प्रोफ़ेसर साबिरा हबीब, तारा इकबाल, हिना हैदर रिजवी, नंदनी आजमी, सामाजिक कार्यकर्ता शालिनी आर्या, रफत फातमा, साजिदा सबा, डॉक्टर शुजात परवीन, मोहम्मद शमीम खान, मोहम्मद तारिक, नूर आलम खान, मोहम्मद रिजवान, रजा रिजवी और दूरदर्शन के पत्रकार मोहम्मद अतीक, दैनिक इंकलाब के पत्रकार आमिर नदवी, ईटीवी भारत के पत्रकार अजवद कासमी समेत अन्य हस्तियों को सम्मानित किया गया। डॉक्टर मसीहुद्दीन खान, अजीज अहमद सिद्दीकी, शहरयार जलालपुरी, शाहकार जलालपुरी, नौशाद बिलग्रामी, मोहम्मद इरफान, मोहम्मद आसिफ, हाफिज सैयद मोहम्मद वसी, गयूर खान अय्यूबी आदि। अंत में सामाजिक संस्था “अदम कल्चर एंड वेलफेयर सोसायटी” के संस्थापक और मुशायरा के कनवीनर सईद हाशमी ने सफल आयोजन पर सभी मेहमानों का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया।