अहमदपुर, बाराबंकी । हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अहमदपुर में बड़े ही एहतमाम के साथ सारी रात जश्ने चरागा मनाया गया । कस्बे में बड़ी ही धूमधाम से लोगों ने इस प्रोग्राम में शिरकत की गांव की सारी गलियां, सारे चौराहे, सारी चौक झांकियों से सजी हुई थी ऐसा लग रहा था कि पूरे कस्बे में रौनक बरस रही है ।लोगों ने मिलाद शरीफ, महफिल ए कुरान खानी का भी इंतजाम किया। दुआओं में लोगों ने अपनी मगफिरत की दुआएं मांगी मुल्क की तरक्की और अमन के लिए भी लोगों ने दुआएं की जुलूस में पास पड़ोस के सभी गांव के लोगों ने हिस्सा लिया ।
जुलूस का मंजर तो देखते ही बन रहा था बड़े-बड़े झंडू और नारे रिसालत या रसूलअल्लाह, लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक, लब्बैक या रसूल अल्लाह, सरकार की आमद मरहबा, सरकार की आमद मरहबा से पूरी फिजा गूंज रही थी मानो आसमान से जमीन पर फरिश्ते आ गए हैं अहमदपुर की कई कमेटियो ने अपने बड़े ही सूझबूझ से इस पूरे काम को अंजाम दिया जो कि एक बहुत ही सराहनीय कार्य है इस पर पुलिस प्रशासन ने भी भूरी भूरी प्रशंसा की इस पूरे प्रोग्राम में पुलिस प्रशासन की सराहना भी लोगों की जुबान पर रही कमेटी गुलाम-ए-मुस्तफा के सभी सदस्यों ने बहुत ही लगन और मेहनत के साथ तकरीबन कई महीनौ की कड़ी मेहनत से इस पूरे कार्य को अंजाम दिया बिलखुसूस इस कमेटी के सदस्यों में मोहम्मद अहमद उर्फ अन्ना, इम्तियाज अहमद उर्फ मन्ना, मोहम्मद नसीम, मोहम्मद वसीम, मोहम्मद अहमद , यूसुफ मोईन, इब्राहिम मोईन, मोहम्मद आकिब, मुहम्मद जुनेद, मोहम्मद हसनैन, मोहम्मद मुजम्मिल, मोहम्मद सुफियान, मोहम्मद नियाज, मोहम्मद जीशान, मोहम्मद वकार, ऐन मोहम्मद, मोहम्मद काशिफ, मोहम्मद अशहद, गौस मोहम्मद, मोहम्मद अफजाल मोहम्मद फैसल, मोहम्मद मोहसिन,बहुत ही सक्रिय रहे।