काबुल डायरी: अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के राज का आँखों देखा हाल

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चौदह अगस्त की रात जब हम काबुल के अपने होटल के कमरे में काम कर रहे थे तभी बाहर से गोलियाँ चलने की आवाज़ें आने लगीं, जब हमने जानना चाहा कि बाहर क्या हो रहा है तो हमें बताया

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