– समाचार 10 India, नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। गिरफ्तारी के डर से, सुशील कुमार ने अग्रिम जमानत की मांग करते हुए 17 मई को दिल्ली की रोहिणी अदालत का रुख किया था, जिसमें कहा गया था कि उनके खिलाफ जांच पक्षपातपूर्ण है।
एडिशनल सेशन्स जज जदगीश कुमार ने पहले अभियोजन और बचाव पक्ष दोनों की दलीलों को सुना और आवेदन पर फैसला सुरक्षित रख लिया। कार्यवाही के दौरान, पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका को इस आधार पर खारिज करने की मांग की कि उनके खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक सबूत हैं।
अभियोजक ने यह भी कहा कि सुशील कुमार का पासपोर्ट जब्त नहीं हुआ है। उनका पासपोर्ट पुलिस ने अपने पास रखा है, क्योंकि ऐसी आशंका है कि वह देश से भाग सकते हैं। वहीं आरोपी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल से हिरासत में पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि पुलिस ने वाहन, हथियार और लाठी सहित सभी बरामद कर लिए हैं।
सुशील के वकील ने उनके हवाले से कहा- मैं एक इंटरनेशनल लेवल का एथलीट हूं। मुझे पद्मश्री समेत देश के तमाम प्रतिष्ठित मेडल और सम्मान मिल चुके हैं। मैंने ओलिंपिक में भी दो बार मेडल जीता है। मुझे छत्रसाल स्टेडियम में जूनियर एथलीट को ट्रेनिंग देने के लिए रखा गया है। वहां मैं अपने परिवार के साथ रहता हूं। मुझे इसमें बेवजह फंसाया जा रहा है।
FIR में घटना की सूचना देने वाले के बारे में कुछ नहीं बताया गया है। सोनू नाम का व्यक्ति हिस्ट्री शीटर है और उसके पिछले अपराधों की कोई जानकारी FIR में नहीं है। मेरा पासपोर्ट जब्त कर रखा है। मेरी बंदूक से गोली नहीं चली और न उसके लगने की वजह से मृतक की जान गई। मुझे नहीं पता, मुझ पर हत्या का आरोप कैसे बना।
बता दें कि यह घटना 4 मई की है। सागर और उसके दोस्तों को फ्लैट से अगवा कर छत्रसाल स्टेडियम लाया गया। देर रात स्टेडियम की पार्किंग में पहलवानों के दो गुटों में झगड़ा हुआ। उसमें तीन पहलवान सागर, सोनू और अमित जख्मी हुए। इलाज के दौरान सागर की मौत हो गई।
इस मामले में सुशील और उसके साथियों का नाम सामने आया था। तभी से पुलिस इन लोगों की तलाश कर रही है। सुशील की आखिरी लोकेशन हरिद्वार में मिली थी। उसके बाद से लगातार उसका मोबाइल बंद आ रहा है।
सुशील कुमार के खिलाफ मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 302 (हत्या), अपहरण (365), और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सुशील कुमार और उनके साथियों को पकड़ने के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमों ने कई जगह छापेमारी की, लेकिन अब तक उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी है।
पुलिस ने सभी पीड़ितों के बयान भी दर्ज किए है। बयानों में बताया गया कि सागर और उनके कुछ दोस्त स्टेडियम के पास सुशील कुमार से जुड़े घर में रह रहे थे। उन्हें ये घर खाली करने के लिए कहा गया था। फिर जबरदस्ती उन्हें इस घर से निकाल दिया गया। सुशील को बाद में पता चला कि सागर ने अन्य पहलवानों के सामने छत्रसाल स्टेडियम में उसके खिलाफ गलत शब्दों का उपयोग किया था और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी थी।
सुशील कुमार की गिरफ्तारी से संबंधित सूचना देने पर एक लाख रूपये का इनाम रखा गया है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को इसका ऐलान किया। सुशील के साथ फरार चल रहे अजय कुमार पर भी पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम रखा है।
…....Delhi court refuses anticipatory bail to wrestler Sushil Kumar in Murder case. ..