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भोपाल,5 मई। मध्य-प्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा के बाद राजनेताओं ने जो सियासत शुरू की उसी का नतीजा है कि चाहे “सरकार का प्रतिनिधि” हो या “विपक्ष का प्रतिनिधि” जनता उनसे कह रही है कि जाओ यहां से हमें नहीं