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”हमारे पुरखे हमारे लिए तब तक नहीं मरते, जब तक हम उन्हें भूल नहीं जाते’ (जॉर्ज इलियट) महाराणा प्रताप हमारी सामूहिक चेतना में हमेशा विराजमान रहते हैं। उन्होंने 425 साल पहले चावंड में आज के दिन ही अंतिम सांस ली थी।