विमल किशोर।
जिसके डर से हमने सत्ता परिवर्तन किया अब वही डर हमारे सर चढ़ कर बोलने लगा है।हमें आज भी याद है साल 2014 का वो समय जब भाजपा के शीर्ष नेता महंगाई पर संसद के बाहर तक पहुंच गए थे वो भी गैस सिलेंडर के साथ तब सिलेंडर की कीमत क्या थी और आज क्या है ये हमे बताने की ज़रूरत नही है वही जिस जीएसटी पर विपक्ष में रही भाजपा और वर्तमान के प्रधानमंत्री ने कहा कि इसको भारत मे नही आने देंगे आज वही जीएसटी भाजपा सरकार की एक उपलब्धी बताई जा रही है अब ऐसे में अच्छे दिन की बात करके सत्ता पाने वाली भाजपा सरकार ये बता दे के किस लिहाज़ से जनता के दिन अच्छे हो गए हैं।
क्या पेट्रोल के दाम को 100 के पार करना आपकी उपलब्धि मानी जाए जो महंगाई को बढाने में अहम योगदान दे रही है या सिलेंडर के दाम की बढ़ोत्तरी को आपका उपहार समझा जाये जो किचन का बजट बिगाड़ रही है।अरे सरकार हमने आपसे अच्छे दिन की उम्मीद की थी वो भी वर्तमान को देखते हुए पर आपने तो भविष्य के चक्कर में हमारा वर्तमान ही बिगाड़ के रख दिया अब हमारी मजबूरी ये है कि सिवा आपके कोई विकल्प नही है और जनता भी खुश नही है तो कोई बीच का रास्ता ही सुझाइए अच्छे दिन ना सही पर कुछ बेहतर हो जाये इसका तो उपाय कर दीजिए कुछ ऐसा करिये की जीवन जीने के लिए गरीब और मध्यम वर्ग को कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े क्योंकि 2014 में इसी वर्ग ने अच्छे दिन की आस के चलते आपको देश की बागडोर दी थी सोचा यही था कि भाजपा सरकार रामराज लाने का वादा पूरा करेगी वो ज़रूर कुछ ऐसा करेगी जिससे जीवन सरल होगा लेकिन मौजूदा महंगाई उस पर से पेट्रोलियम पदार्थों के दामो की बढ़ती ऊंचाई ने सब कुछ धूमिल कर दिया है
आपने उज्वला योजना चलाकर गरीबों को सिलेंडर तो दिया पर उसके बाद वो उसको कैसे चला पायेगा इसका इंतज़ाम नही किया सब्सिडी भी अब लगभग समाप्त हो गई है दाम इतना ज्यादा हो गया है कि खाली सिलेंडर ही घर की शान हो गई है भरोसा फिर भी इसी सरकार पर है ऐसा 2019 में जनता ने दिखाया भी है तो अब कुछ ऐसा करो सरकार जिससे आम जनता का हो उद्धार।।