
नई दिल्ली,समाचार10 India-रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी। सीमा पर शांति एवं सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच एक महत्वपूर्ण वार्ता हुई है। दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों ने पश्चिमी सेक्टर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव प्रबंधन और स्थिरता बनाए रखने पर विस्तृत विचार-विमर्श किया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि कोर कमांडर स्तर की 23वीं बैठक, चुशुल-मोल्दो सीमा मिलन बिंदु पर मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण में आयोजित की गई।
विदेश मंत्रालय ने कहा 19 अगस्त 2025 को आयोजित विशेष प्रतिनिधि वार्ता के 24वें दौर के बाद से पश्चिमी क्षेत्र में जनरल स्तरीय तंत्र की यह पहली बैठक थी। दोनों पक्षों ने अक्टूबर 2024 में आयोजित कोर कमांडर स्तर की 22वें दौर की बैठक के बाद से हुई प्रगति पर ध्यान दिया और इस विचार को साझा किया कि भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखा गया है।
मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्ष स्थिरता बनाए रखने के लिए सीमा पर किसी भी जमीनी मुद्दे को हल करने के लिए मौजूदा तंत्र का उपयोग जारी रखने पर सहमत हुए हैं। यह वार्ता गलवान घाटी में हुए संघर्ष से उत्पन्न तनाव को कम करने की कोशिशों का एक अहम हिस्सा है।
दोनों देशों के बीच चल रही निरंतर बातचीत को भारत और चीनी सेनाओं के बीच लद्दाख में तनाव कम करने की दिशा में बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में चीन से लगी उत्तरी सीमा की स्थिति पर कहा था कि चल रही वार्ताएं और डी-एस्केलेशन (सैनिकों का सीमा से पीछे हटना) के प्रयास भारत की संतुलित और दृढ़ विदेश नीति का प्रमाण हैं। उन्होंने कहा था हमारी नीति स्पष्ट है, संवाद भी होगा और सीमा पर हमारी तैयारी भी अटूट रहेगी।


