नई दिल्ली,समाचार10 India-रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी। विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने 10 जुलाई को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आयोजित आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस बैठक में भारत और आसियान के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए 2026 से 2030 तक की नई कार्य योजना (प्लान ऑफ एक्शन) को अपनाया गया। इसके साथ ही डिजिटल, रक्षा, स्वास्थ्य समेत कई क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई। बैठक की सह-अध्यक्षता कर रहे मंत्री मार्गेरिटा ने मीटिंग को उपयोगी और सफल बताते हुए कहा कि यह कार्य योजना दोनों पक्षों के बीच समग्र रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाएगी।
राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि इस वर्ष भारत-आसियान पर्यटन वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, इसलिए बैठक में लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। साथ ही बैठक में रक्षा, अर्थव्यवस्था, डिजिटल सहयोग, आपदा प्रबंधन, समुद्री सहयोग और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़ने के प्रस्तावों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। मार्गेरिटा ने इस बैठक से इतर कई देशों के नेताओं से द्विपक्षीय मुलाकातें भी कीं। उन्होंने आसियान महासचिव डॉ. काओ किम होर्न से मुलाकात कर भारत-आसियान संबंधों को मजबूत करने के लिए उनके योगदान की सराहना की।
मार्गेरिटा ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा फिलीपींस की विदेश मंत्री मा. थेरेसा पी. लाज़ारो से मिलकर मुझे खुशी हुई। हमारे देशों के बीच दीर्घकालिक मित्रता और 75 वर्षों के राजनयिक संबंधों को स्वीकार करते हुए, हमने अपने द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की।
इसके अलावा राज्य मंत्री ने इंडोनेशिया के विदेश मंत्री सुगियोनो के साथ पारस्परिक हितों के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने वियतनाम के विदेश मंत्री बुई थान सोन, तिमोर-लेस्ते के विदेश मंत्री बेंडिटो फ्रीटास और कंबोडिया के उप-प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री प्राक सोखोन से भी मुलाकात की और बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने के साथ ही आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत के साथ एकजुटता के लिए उनका धन्यवाद भी दिया। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा भारत और आसियान सांस्कृतिक और सभ्यतागत बंधन साझा करते हैं। आसियान भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ और ‘हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण’ की आधारशिला है।