लखनऊ,समाचार10 India। कोविड-19 महामारी की दस्तक के बाद संक्रामक बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए इस जीवनरक्षक आदत को आम जीवन का हिस्सा बनाने की बढ़ी अहमियत के बीच सेसमी वर्कशॉप इंडिया अपने मपेट एल्मो और चमकी से बच्चों को खेल-खेल में हाथ साफ रखने की अहमियत सिखा रहा है।
स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र में सेसमी वर्कशॉप इंडिया की ओर से बच्चों के लिए किए जा रहे काम के बारे में संस्थान की प्रबंध निदेशक सोनाली खान कहती हैं, “हमारा लक्ष्य बच्चों और परिवारों के बीच स्वच्छता से जुड़ी जानकारी, व्यवहार और प्रथाओं को बढ़ावा देना तथा बच्चों की विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करना है। हाईजीन बिहेवियर चेंज कोअलिशन की मदद से हम स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी महत्वपूर्ण आदतों को लेकर अधिक से अधिक बच्चों और परिवारों तक पहुंच बनाने की कोशिशों में जुटे हैं। अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के एक आकलन के मुताबिक हाथ साफ रखने से डायरिया के हर तीन में से एक और श्वास संक्रमण के हर पांच में से एक मामले रोके जा सकते हैं। बावजूद इसके, बड़ी संख्या में लोग हाथों की सफाई पर ध्यान नहीं देते। विकसित देश, जहां साबुन और पानी की बेहतर उपलब्धता है, एक अनुमान के मुताबिक, वहां भी 50 फीसदी से अधिक लोग नियमित अंतराल पर साबुन से हाथ नहीं धोते।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रख्यात गैर-लाभकारी मीडिया एवं शैक्षणिक संगठन सेसमी वर्कशॉप की भारतीय शाखा सेसमी वर्कशॉप-इंडिया स्वच्छता और बीमारियों की रोकथाम के उपायों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हाईजीन एंड बिहेवियर चेंज कोअलिशन (एचबीसीसी) के सहयोग से एक मल्टी-मीडिया अभियान चला रहा है।