18
अब तक इस युद्ध में हजारों यूक्रेनी सैनिकों की जान जा चुकी है। ऐसे में अब वतन की रखवाली की जिम्मा भी यूक्रेनी युवाओं के कंधों पर आ चुका है, जिन्होंने कभी गोली,बंदूकों और तोपों का सामना नहीं किया। उनके अग्रज तो यह कहकर शहीद हो गए कि “कर चले हम फिदा जान-ए-तन साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों”..