चीन की आर्मी में शामिल होंगे गोरखा सैनिक! क्यों है जिनपिंग इसके लिए उतावले?

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1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो ब्रिटिश और भारतीय सेनाओं के बीच गोरखा रेजिमेंटों को विभाजित करने का निर्णय लिया गया। ऐसे में 10 में से छह रेजिमेंट ने भारतीय सेना में रहना पसंद किया जबकि चार रेजिमेंट अंग्रेजों के साथ ब्रिटेन चली गई। 

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