स्वयंसेवी संस्था केआईडीएफ ने पौधारोपण कार्यक्रम का किया आयोजन

by Vimal Kishor

बाराबंकी,समाचार10 India। हरियाली तीज के अवसर पर सिद्धौर ब्लाक के जरगांवा गांव में पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन कर पर्यावरण संरक्षण के उपायों पर चर्चा की गई। इस दौरान लोगों ने पौधरोपण कर पर्यावरण और जल संरक्षण का संकल्प भी लिया। कार्यक्रम का आयोजन स्वयंसेवी संस्था केआईडीएफ द्वारा किया गया।

हरियाली तीज पर पौधरोपण कार्यक्रम के दौरान स्थानीय विधायक दिनेशरावत,जरगांवा गांव की प्रधान रजनी जायसवाल, क्षेत्र पंचायत सदस्य रामू कुमार गुप्ता, गायत्री परिवार के सत्य प्रकाश श्रीवास्तव और केआईडीएफ संस्था के अध्यक्ष मनीष गर्ग ने पौधरोपण किया और उसके के महत्व पर प्रकाश डाला।
केआईडीएफ संस्था (नॉलेज एंड इंफार्मेशन डिसीमिनिनेशन फांउडेशन) के अध्यक्ष मनीष गर्ग ने कहा कि वनस्पतियां धरती माता की आभूषण हैं।

जल, जंगल, जमीन,जीव बचाने के संकल्प के साथ युवाओं की ओर से पर्यावरण संरक्षणहरियाली से खुशहाली मुहिम के तहत पौधारोपण किया गया। उन्होंने कहा कि अकसर देखनेमें आता है कि लाखों की संख्या में पौधरोपण तो किया जाता है लेकिन लगभग 10-20 फीसदी ही पौधे पेड़ बन पाते हैं,ज्यादातर रख-रखाव, प्लानिंग, बजट की कमी औरसंरक्षण के अभाव में नष्ट हो जाते हैं। इसलिए केआईडीएफ ने ऐसे कम से कम चार से पांच वर्ष पुराने और 12 से 15 फिट के पौधों को लगाने की योजना बनाई है साथ ही अगले 6 माह तक संस्था उनकी देखभाल भी करेगी। इन पौधों में पीपल, बरगद, नीम, जामुन आदि शामिल हैं जो पर्यावरण को शुद्ध रखते हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान की शुरुआत के लिए हरियाली तीज से बेहतर कोई और दिन नहीं हो सकता था, इसलिए आप सभी के सहयोग से आज यह तरु-यज्ञ शुरू हुआ है।

दिनेश रावत,विधायक, हैदरगढ़, ने कहा कि पेड़ है तो जीवन है, इसलिए हर किसी को पौधरोपण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के अभियानों में जनसहभागिता बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि वह इस अभियान को अपना पूरा सहयोग देंगे,कार्यक्रम में आए हुए लोगों से उन्होंने अधिक से अधिक पौधे लगाने की अपील भी की। इस दौरान ग्राम प्रधान रजनी जायसवाल ने पौधरोपण करते हुए सभी गांव वालों से पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि आज जहां पौधरोपण हो रहा है बहुत जल्द वहां एक सुंदर वाटिका बनाई जाएगी। बीडीसी रामू कुमार गुप्ता ने पौधरोपण का महत्व बताते हुए कहा किपेड़ों की अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने कहाकि पर्यावरण संतुलन में वृक्षों की प्रमुख भूमिका होती है। कार्यक्रम के दौरानकाफी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।

केआईडीएफ के बारे में:
हमारा उद्देश्य लोगों और नीति निर्माताओं को दुनिया भर में किए गए सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुसंधान के बारे में जागरूक करना है और ऐसे समाधान खोजना है जो लागू करने में आसान हों और लागत प्रभावी हों। हमारा फोकस पर्यावरण,रोजगार और स्वास्थ्य हैं। नीतिगत मामले के रूप में हमारा समाधान डिजिटल जनमत संग्रह इस दिशा में पहला कदम है।

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