इस क्षुद्रग्रह में सोना ही सोना है, तो क्या इसे पाने की चाह में हम हो जाएंगे कंगाल !

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न्यूयॉर्क, 17 जून : आज का आधुनिक इंसान बेताहाशा सपनों के पीछे भाग रहा है। उसके पसीने छूट रहे हैं, परंतु वह अपने आसपास की ठंडी हवा को छोड़, किसी अलौकिक ठंड की तलाश में भागता जा रहा है। हां, मनुष्य

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