भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा, व्यापार सहित कई क्षेत्रों में बढ़ी साझेदारी

by Vimal Kishor

नई दिल्ली,समाचार10 India-रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भारत के दौरे पर आई ऑस्ट्रेलिया की अपनी समकक्ष पेनी वोंग के साथ यहां 16वें इंडिया-ऑस्ट्रेलिया फॉरेन मिनिस्टर्स फ्रेमवर्क डायलॉग (एफएमएफडी) की सह-अध्यक्षता की। इस दौरान मंत्रियों ने इंडिया-ऑस्ट्रेलिया कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप के अलग-अलग पिलर्स के तहत बाइलेटरल कोऑपरेशन और प्रोग्रेस के पूरे दायरे का रिव्यू किया, जिसमें ट्रेड और इन्वेस्टमेंट, डिफेंस और सिक्योरिटी, एजुकेशन और स्किल्स, रिसर्च और इनोवेशन, साइंस और टेक्नोलॉजी, स्पेस, एनर्जी तथा पीपल-टू-पीपल लिंक्स शामिल हैं।

विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार दोनों नेताओं के बीच यह चौथी एफएमएफडी थी, जिसमें आपसी फायदे के रीजनल और ग्लोबल मुद्दों पर भी चर्चा हुई। मंत्रियों ने इंडो-पैसिफिक में डेवलपमेंट्स पर विचारों का आदान-प्रदान किया और एक फ्री, ओपन, सिक्योर और खुशहाल इंडो-पैसिफिक के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता (शेयर्ड कमिटमेंट) स्पष्ट की।

डॉ. जयशंकर ने बैठक के दौरान अपने प्रारंभिक भाषण में कहा कि दोनों देशों ने ट्रेड और इन्वेस्टमेंट, डिफेंस और सिक्योरिटी, एजुकेशन एवं स्किल्स, रिसर्च एवं इनोवेशन, साइंस और टेक्नोलॉजी, स्पेस तथा एनर्जी सहित सहयोग के सभी क्षेत्रों में एक शानदार बढ़ोतरी देखी है।

उन्होंने कहा हमारे ट्रेड और इन्वेस्टमेंट लिंकेज लगातार बढ़े हैं और कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक कोऑपरेशन एग्रीमेंट पर चल रही बातचीत को लेकर मुझे विश्वास है कि यह बहुत जल्द पूरी हो जाएगी। अभी की मुश्किल जियोपॉलिटिकल परिस्थिति में, मुझे लगता है कि यह साफ है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे लोकतंत्र पर अधिक जिम्मेदारी है, हमारे सामने कॉमन चैलेंज हैं, जिनमें मैरीटाइम सिक्योरिटी, मजबूत सप्लाई चेन, आतंकवाद का मुकाबला करना और क्लाइमेट एक्शन पर काम करना शामिल है। जयशंकर ने इसके लिए आपसी रिश्तों में मजबूत मोमेंटम बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि दोनों देश रीजनल और ग्लोबल प्रायोरिटीज पर ठोस परिणाम हासिल कर सकें।

विदेश मंत्री जयशंकर ने बैठक के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा इंडो-पैसिफिक पार्टनर के तौर पर, हम एक फ्री और ओपन रीजन बनाए रखने की जिम्मेदारी साझा करते हैं। हमारी बातचीत में ग्लोबल और रीजनल डेवलपमेंट, सप्लाई चेन की मजबूती, आर्थिक अनिश्चितताओं को दूर करना और जरूरी मिनरल्स पर सहयोग करना भी शामिल रहा।

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