लखनऊ, प्रसिद्ध वॉलनट प्रकाशन द्वारा प्रकाशित लघु उपन्यास उफ्फफ्…एक बेहद ही संवेदनशील विषय की ओर पाठकों का ध्यान आकर्षित करता है।
यह कहानी दो ऐसे युवाओं की कहानी है, जो एक तरफ तो सामाजिक बंधनों से बंधे हैं, वहीं दूसरी ओर अपने उन्मुक्त विचारों के चलते परिंदों की तरह समस्त सामाजिक वर्जनाओं को तोड़कर अपने छोटे-बड़े सपने पूरे करने के लिए स्वछंद आसमान में उड़ना चाहते हैं। मध्य वर्गीय परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले दोनों युवाओं की इस विवशता और उसके लिये उन दोनों द्वारा परिस्थितियों के साथ किया गया बेहतरीन समन्वय, कहानी को एक दूसरे ही मुहाने पर ले जाकर समाप्त करता है, जहां शायद तृप्ति और अतृप्ति के बीच भेद कर पाना असंभव जान पड़ता है। पुस्तक का कथानक बेहद ही मार्मिक एवं हृदयस्पर्शी है।
पुस्तक के लेखक ओम प्रकाश कुशवाहा की यह पहली किताब है किंतु उनके द्वारा जिस तरह शुरू से लेकर अंत तक पाठकों को बांधा है, उससे कहीं भी ऐसा नहीं लगता कि यह इनका पहला प्रयास है।
पिछले काफी समय से इस प्रकार के कथानक पर कोई इस श्रेणी का उपन्यास प्रकाशित नहीं हुआ है जिसमें न केवल शब्दों के चयन और भाषा पर पूरा ध्यान रखा गया हो।
दिनांक 10 से 18 फरवरी के मध्य प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित विश्व पुस्तक मेले, जिसका पाठकों को वर्ष भर इंतजार रहता है में सजे आकर्षक स्टालों और मंचो में सैकड़ों नवीन पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। देश विदेश के हजारों लेखकों की लाखों पुस्तकों के अंबार से भरा हुआ, यह पुस्तक मेला कल समाप्त हो गया।
इसी क्रम में वॉलनट प्रकाशन द्वारा प्रकाशित एवं ओम प्रकाश कुशवाहा, अनुभाग अधिकारी, विधान सभा सचिवालय द्वारा लिखित लघु उपन्यास उफ्फफ्… का आधिकारिक विमोचन प्रकाशक द्वारा किया गया।
पुस्तक के विषय पर प्रकाश डालते हुए कुशवाहा ने बताया कि उपन्यास की विषयवस्तु समाज में दिन प्रतिदिन हो रहे परिवर्तनों की बानगी है। प्लेटोनिक लव पर आधारित यह उपन्यास पुस्तक प्रेमियों को निश्चित रूप से पसंद आएगा। वैसे भी फरवरी माह या वसंत ऋतु उल्लास, प्रेम, वात्सल्य को समर्पित है। इस माह पुस्तक का लोकार्पण करने से इसकी लोकप्रियता में कई गुना की वृद्धि होना सुनिश्चित है।