भर राजा लाखन की जाति के साथ खिलवाड़ को लेकर राजभर समाज आक्रोशित
लखनऊ,समाचार10 India। नवाबों का शहर लखनऊ जो अपने जी जनाब और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है आज उसी का नामकरण करने वाले भर राजा लाखन की जाति के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। भर राजा लाखन के नाम पर जिले का नाम लखनऊ पड़ा तथा उनकी पत्नी लखनावती के नाम से कुछ समय तक जिले को लखनावती के नाम से भी जाना गया। इस तथ्य को लेकर सुहेलदेव पाट्री के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतलाल राजभर ने कहा कि पासी समाज के लोग बिना तथ्यों के ही राजा लाखन को पासी समाज का बता रहे हैं जबकि भर जाति अन्य पिछड़ा वर्ग में आती है।
भर राजा लाखन के नाम के साथ खिलवाड़ को लेकर भर तथा राजभर समाज आक्रोशित है। इसी को लेकर भर व राजभर समाज ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित करते हुए कहा कि इससे पूर्व भी राजा लाखन को अन्य जाति का बताने पर पूरे उत्तर प्रदेश में आंदोलन हुआ था जबकि इतिहास देखा जाय तो सनशक्स आॅफ इण्डिया वायलूम नं0-41 पेज नं0-460 पर भी राजा का नाम भर राजा लाखन अंकित है। वहीं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मण्डल लखनऊ में भी लाखन की जाति भर बताई गई है।
लखनऊ की सत्तावनी कान्ति के लेखक सरनाम सूर्यवंशी ने गजेटियर का हवाला देते हुए पेज नं0-101 पर बताया कि लखनऊ को भर वंश के लोगों ने ही बसाया। वहीं श्रीराम मंदिर के फैसले के समय भी सर्वोच्च न्यायालय ने भी लखनऊ के भर राजाओं के आधीन होने का उल्लेख किया है। अगर सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की तो राजभर समाज को लेकर सुहेलदेव पार्टी अपने सम्पूर्ण कार्यकर्ताओं के साथ पूरे उत्तर प्रदेश में उग्र आन्दोलन करने के लिए बाध्य होगी। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।