चिकनकारी में भारतीय इतिहास, परंपरा और संस्कृति के विकास का अनूठा संगम

by Vimal Kishor

 

लखनऊ,चिकन, जिसका शाब्दिक अर्थ कढ़ाई है। एक ऐसी भारतीय कला की तकनीक, जिसमें मनभावन सुंदर टांके और रूपांकनों के साथ सिलवटों में सुंदरता को बुना गया है। चिकनकारी में देखनें को मिलता है भारतीय इतिहास, परंपरा और संस्कृति के विकास का अनूठा संगम।

ऑल अबाउट स्प्रूसिंग अप टाइमलेस चिकनकारी पीच इट अप भारतीय एथनिक परिधान को आधुनिक बनाने की दिशा में अग्रसर है, जोकि हमारी विरासत और संस्कृति के साथ अधिक बहुमुखी और पुर्नपरिभाषित फैशन बनाता है। 18 वर्षीया युवा फैशन डिजाइनर समृद्धि अग्रवाल चिकनकारी शिल्प के निरंतर विकास व प्रसार के प्रयासरत हैं।

समृद्धि का कहना है कि परिधानों का चुनाव मौसम व माहौल के अनुरुप होना चाहिये और चिकन परिधान हर मौसम और माहौल के लिये फिट होते हैं। समृद्धि ने बताया कि

चिकनकारी में भारतीय इतिहास, परंपरा और संस्कृति के विकास की झलक देखने को मिलती है। हाल ही में ताजमहल होटल में चिकन परिधानों के नए संग्रह को प्रदर्शित किया गया था। जिसमें कामदानी, मोती और अनुक्रम के काम के साथ विभिन्न प्रकार के आकर्षक और आकर्षक चिकनकारी सूट सेट और अन्य परिधान शामिल थे।

मॉडर्न फैशन ट्रेंड में चिकन का क्रेज हमेशा की तरह बरकरार रहेगा। पीच इट अप के माध्यम से लोगों को बाजार में चिकन परिधानों के प्रति प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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