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ग्वालियर,11 मई। तानसेन समाधि स्थल के पास लगा इमली का पेड़ सुर साधकों के लिए किसी धरोहर से कम नहीं है। यह वही इमली का पेड़ है, जिसकी पत्तियां खाने से तानसेन की आवाज इतनी सुरीली हो गई कि उन्हें अकबर