17
”ज़िंदगी में कई बार ऐसे मौक़े आते हैं, जब शब्द कम पड़ जाते हैं, और आज वैसा ही एक मौक़ा है. मैं यही कहूँगा कि आप हमेशा वो शख़्स रहोगे, जो बस की आख़िरी सीट पर मौजूद रहता था. मैंने पहले
”ज़िंदगी में कई बार ऐसे मौक़े आते हैं, जब शब्द कम पड़ जाते हैं, और आज वैसा ही एक मौक़ा है. मैं यही कहूँगा कि आप हमेशा वो शख़्स रहोगे, जो बस की आख़िरी सीट पर मौजूद रहता था. मैंने पहले