भारत ने यूएन में अफगानिस्तान प्रस्ताव पर अपनी स्थिति स्पष्ट की

by Vimal Kishor

न्यूयॉर्क,समाचार10 India-रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने अफगानिस्तान की स्थिति से संबंधित हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर भारत के अनुपस्थित रहने के निर्णय को स्पष्ट करते हुए एक वक्तव्य दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान के निकटवर्ती पड़ोसी के रूप में भारत का दृष्टिकोण अफगान लोगों के साथ अपनी दीर्घकालिक मित्रता और विशेष संबंधों द्वारा निर्देशित है।

भारतीय राजदूत ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की तत्काल प्राथमिकताएं मानवीय सहायता का प्रावधान और अफगान समाज को सशक्त बनाने के उद्देश्य से क्षमता निर्माण पहलों का कार्यान्वयन हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासों का समन्वय करने की तत्काल आवश्यकता है कि अफगान क्षेत्र का अब आतंकवादी गतिविधियों के लिए शोषण न किया जाए। इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा नामित संस्थाओं और व्यक्तियों – जैसे अल कायदा और उसके सहयोगी, आईएसआईएल, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद – के साथ-साथ उनके क्षेत्रीय प्रायोजकों द्वारा उत्पन्न खतरों को संबोधित करना शामिल है जो उनके संचालन को सक्षम बनाते हैं।

राजदूत हरीश ने इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अफ़गानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री के साथ बातचीत की, जिन्होंने 22 अप्रैल, 2025 के पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की। इस आदान-प्रदान ने आतंकवाद का मुकाबला करने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए संयुक्त प्रयासों के महत्व की पुष्टि की।

भारत का मानना है कि संघर्ष के बाद के अफ़गानिस्तान को संबोधित करने वाली किसी भी प्रभावी नीति को दंडात्मक उपायों से परे जाना चाहिए। इसे रचनात्मक व्यवहार को प्रोत्साहित करना चाहिए जबकि शांति और विकास को कमजोर करने वाली कार्रवाइयों को हतोत्साहित करना चाहिए। वर्तमान “बिजनेस एज यूजवल” दृष्टिकोण सार्थक परिणाम देने में विफल रहा है, खासकर अगस्त 2021 से गहराते मानवीय संकट से निपटने के लिए कोई नई नीतिगत साधन पेश नहीं किए गए हैं।

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने पोस्ट किया हम सभी प्रासंगिक हितधारकों के साथ निरंतर जुड़ाव के लिए प्रतिबद्ध हैं और एक स्थिर, शांतिपूर्ण एवं समृद्ध अफ़गानिस्तान की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों का व्यापक रूप से समर्थन करते हैं, भारत ने इस प्रस्ताव पर परहेज़ करने का फैसला किया है।

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