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मुंबई, 18 नवंबर: सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि नाबालिग के यौन उत्पीड़न के आरोपी को सजा देने के लिए त्वचा से त्वचा का संपर्क (स्किन टू स्किन टच)